
हाय दोस्तों! क्या तुमने सुना कि भारत ने हाल ही में दक्षिण कोरिया के गुमी शहर में हुई एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में कमाल कर दिया? यह एक बहुत बड़ा खेल आयोजन था, जिसमें कई देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेने आए थे। भारत के खिलाड़ियों ने वहाँ ऐसा प्रदर्शन किया कि हर किसी का दिल जीत लिया। खासकर 4×400 मीटर रिले में भारत ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह ऐसा मौका था, जब पूरे देश को अपने खिलाड़ियों पर गर्व हुआ।
आज हम इस लेख में बात करेंगे कि कैसे हमारे खिलाड़ियों ने मेहनत और लगन से यह उपलब्धि हासिल की। हम यह भी देखेंगे कि इस चैंपियनशिप में भारत ने कुल कितने पदक जीते और कौन-कौन से खिलाड़ी चमके। यह कहानी न सिर्फ खेल की है, बल्कि मेहनत, teamwork, और देश के लिए कुछ कर दिखाने की भावना की भी है। तो चलो, इस शानदार सफर को एक साथ समझते हैं, जैसे दोस्तों के बीच बात हो रही हो!
गुमी में हुआ बड़ा आयोजन
दक्षिण कोरिया का गुमी शहर 27 से 31 मई 2025 तक एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप का गवाह बना। यह 26वाँ मौका था, जब एशिया के बेहतरीन खिलाड़ी एक साथ आए। इस बार भारत ने कुल 24 पदक जीते, जिनमें 8 स्वर्ण, 10 रजत और 6 कांस्य शामिल थे। यह प्रदर्शन इतना शानदार था कि भारत पूरे टूर्नामेंट में दूसरे स्थान पर रहा, सिर्फ चीन से पीछे।
इस आयोजन में कई तरह की दौड़, कूद और अन्य खेल स्पर्धाएँ हुईं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा 4×400 मीटर मिश्रित रिले और महिला 4×400 मीटर रिले की रही। इन दोनों में भारत ने स्वर्ण पदक जीते। यह देखकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। हमारे खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि मेहनत और जज्बा हो, तो कुछ भी असंभव नहीं।
4×400 मीटर मिश्रित रिले में स्वर्ण
4×400 मीटर मिश्रित रिले में भारत की टीम ने कमाल कर दिया। इस दौड़ में दो पुरुष और दो महिला खिलाड़ी एक साथ दौड़ते हैं। भारत की टीम में रूपल चौधरी, संतोष कुमार, विशाल टीके, और सुभा वेंकटेशन शामिल थे। इन्होंने सिर्फ 3 मिनट 18.12 सेकंड में दौड़ पूरी की और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
यह जीत इसलिए खास थी, क्योंकि भारत ने लगातार दूसरी बार इस स्पर्धा में स्वर्ण जीता। 2023 में भी भारत ने यही खिताब जीता था। इस बार चीन और श्रीलंका को हराकर भारत ने दिखा दिया कि हमारी टीम कितनी मजबूत है। हर खिलाड़ी ने अपनी बारी में पूरी ताकत लगाई और एक दूसरे का साथ दिया। यह teamwork का शानदार उदाहरण था।
महिला 4×400 मीटर रिले में भी चमक
महिलाओं की 4×400 मीटर रिले में भी भारत ने स्वर्ण पदक हासिल किया। इस टीम में जिस्ना मैथ्यू, रूपल चौधरी, कुंजा रजिथा, और सुभा वेंकटेशन थीं। इन चारों ने मिलकर दौड़ को इतनी तेजी से पूरा किया कि बाकी टीमें पीछे रह गईं।
इस जीत ने दिखाया कि भारत की महिला खिलाड़ी किसी से कम नहीं। उन्होंने न सिर्फ तेज दौड़ा, बल्कि एक-दूसरे के साथ तालमेल बनाए रखा। यह दौड़ देखकर हर कोई हैरान था, क्योंकि भारत की टीम ने शुरू से ही बढ़त बनाए रखी और आखिरी पल तक हार नहीं मानी।
रूपल चौधरी बनीं सुपरस्टार
इस चैंपियनशिप में रूपल चौधरी का नाम हर किसी की जुबान पर था। उन्होंने न सिर्फ मिश्रित रिले में स्वर्ण जीता, बल्कि महिला 400 मीटर दौड़ में भी रजत पदक अपने नाम किया। रूपल ने दिन में दो बार पोडियम पर जगह बनाई, जो अपने आप में बड़ी बात है।
रूपल पहले भी विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप 2022 में दो पदक जीत चुकी हैं। उनकी मेहनत और लगन हर किसी के लिए प्रेरणा है। वह सिर्फ 21 साल की हैं, लेकिन उनका जज्बा किसी अनुभवी खिलाड़ी से कम नहीं। रूपल ने दिखाया कि अगर ठान लिया जाए, तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं।
गुलवीर सिंह का धमाल
गुलवीर सिंह इस चैंपियनशिप के एक और हीरो रहे। उन्होंने पुरुषों की 5000 मीटर और 10000 मीटर दौड़ में दो स्वर्ण पदक जीते। उनकी दौड़ देखकर ऐसा लगता था, जैसे वह हवा से बातें कर रहे हों। गुलवीर ने आखिरी लैप में इतनी तेजी दिखाई कि बाकी धावक हैरान रह गए।
उनकी मेहनत और फोकस ने भारत को दो बड़े स्वर्ण पदक दिलाए। गुलवीर का यह प्रदर्शन हमें सिखाता है कि अगर मेहनत और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
अन्य खिलाड़ियों का योगदान
भारत के बाकी खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। ज्योति याराजी ने 100 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण जीता। पारुल चौधरी ने 3000 मीटर स्टीपलचेज और 5000 मीटर में रजत पदक हासिल किए। अनिमेष कुजूर ने 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता और नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
प्रवीण चित्रवेल ने पुरुषों की ट्रिपल जंप में रजत और नंदिनी अगासरा ने हेप्टाथलॉन में स्वर्ण जीता। इन सभी खिलाड़ियों ने मिलकर भारत को 24 पदकों तक पहुँचाया। हर खिलाड़ी की मेहनत और लगन ने देश का नाम रोशन किया।
भारत का भविष्य उज्ज्वल
इस चैंपियनशिप ने दिखाया कि भारत के खिलाड़ी अब दुनिया में किसी से कम नहीं। 24 पदकों के साथ भारत ने जापान को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान हासिल किया। यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारत के खेल भविष्य की मजबूत नींव है।
हमारे युवा खिलाड़ी जैसे रूपल, गुलवीर, और ज्योति दिखा रहे हैं कि भारत अब खेलों में भी सुपरपावर बन सकता है। आने वाले सालों में ओलंपिक और अन्य बड़े आयोजनों में भी भारत का परचम लहराएगा, यह तय है।
निष्कर्ष: मेहनत और जज्बे की जीत
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 भारत के लिए गर्व का पल लेकर आई। हमारे खिलाड़ियों ने दिखाया कि मेहनत, teamwork, और हौसले के साथ कुछ भी हासिल किया जा सकता है। 4×400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक और कुल 24 पदकों ने पूरे देश को खुशी दी।
यह जीत हमें सिखाती है कि अगर हम अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करें, तो कोई भी सपना असंभव नहीं। चाहे पढ़ाई हो, खेल हो, या कोई और क्षेत्र, मेहनत और आत्मविश्वास हमें हमेशा आगे ले जाता है। तो चलो, इन खिलाड़ियों से प्रेरणा लें और अपने सपनों को सच करने की ठान लें
इसे भी पढ़े: प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू किया डिजिटल हेल्थ मिशन, अब हर नागरिक की होगी स्मार्ट हेल्थ प्रोफाइल

I’m Rakesh Goswami, a professional blogger with over 5 years of experience in the digital space. I hold a degree in Computer Science Engineering and specialize in creating content related to making money online, stock market insights, and general information. Through this website, I aim to provide valuable, practical, and trustworthy information to help readers grow their knowledge and achieve financial independence.